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घाव पर उद्धरण

घाव शरीर पर बने या लगे

ज़ख़्म और मन पर लगे ठेस दोनों को ही प्रकट करता है। पीड़ा काव्य के केंद्रीय घटकों में से एक है।

घाव अच्छी जगह हो और सजा हुआ, तो बड़े लाभ होते हैं।

हरिशंकर परसाई

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