Font by Mehr Nastaliq Web

सगुण भक्ति पर उद्धरण

निर्गुण-मतवादियों का ईश्वर एक था, किंतु अब तुलसीदासजी के मनोजगत में परब्रह्म के निर्गुण-स्वरूप के बावजूद, सगुण ईश्वर ने सारा समाज और उसकी व्यवस्था—जो जातिवाद, वर्णाश्रम धर्म पर आधारित थी—उत्पन्न की।

गजानन माधव मुक्तिबोध

निर्गुण मत के विरुद्ध सगुण मत का प्रारंभिक प्रसार और विकास उच्चवंशियों में हुआ।

गजानन माधव मुक्तिबोध

निर्गुण मत के विरुद्ध सगुण मत का संघर्ष, निम्न वर्गों के विरुद्ध—उच्चवंशीय संस्कारशील अभिरुचिवालों का संघर्ष था।

गजानन माधव मुक्तिबोध