
काम करने पर भी उसका बोझ न लगे, यह अनासक्ति का रूप है।

चीज़ों पर हम दबाव न डालें, हर चीज़ को अपने मुक़र्रर वक़्त पर आने दें, अपने निराले तरीक़े से, अपनी लयों को हमारी लयों में विलीन करते हुए।

प्रतिभा नाम की कोई चीज़ नहीं होती है। दबाव होता है।
काम करने पर भी उसका बोझ न लगे, यह अनासक्ति का रूप है।
चीज़ों पर हम दबाव न डालें, हर चीज़ को अपने मुक़र्रर वक़्त पर आने दें, अपने निराले तरीक़े से, अपनी लयों को हमारी लयों में विलीन करते हुए।
प्रतिभा नाम की कोई चीज़ नहीं होती है। दबाव होता है।