Font by Mehr Nastaliq Web

बाँसुरी पर कविताएँ

हिंदी के भक्ति-काव्य

में कृष्ण का विशिष्ट स्थान है और इस रूप में कृष्ण की बाँसुरी स्वयं कृष्ण का प्रतीक बन जाती है।

एक दिन

अखिलेश सिंह

माँझी! न बजाओ बंशी

केदारनाथ अग्रवाल

बाँसुरी

जी. शंकर कुरुप

राग

बेबी शॉ

इंतिज़ार

बेबी शॉ

मुरली ध्वनि

नोरि नरसिंह शास्त्री

बाँसुरी

एम. पी. अप्पन

बंसी

प्रियंकर पालीवाल

बाँसुरी

भूपिंदर पुरेवाल

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए