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सुजान सौन्टैग

1933 - 2004 | न्यू यार्क

सुजान सौन्टैग के उद्धरण

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करुणा, करुणा, करुणा। मैं नए साल के लिए प्रार्थना करना चाहती हूँ, संकल्प नहीं। मैं साहस के लिए प्रार्थना कर रही हूँ।

बूढ़ा हो जाने का डर इस बात से पैदा हुआ है कि मनुष्य अब वैसा जीवन नहीं जी रहा है, जैसा कि वह चाहता है।

मेरे विचार से लेखक वह है, जिसकी दिलचस्पी हर चीज़ में है।

मलार्मे ने कहा कि दुनिया में सब कुछ इसलिए मौजूद है कि एक किताब में समाप्त हो जाए। आज सब कुछ इसलिए मौजूद है कि वह एक तस्वीर में समाप्त हो जाए।

जीवन फ़िल्म है, मृत्यु तस्वीर है।

लोगों को कलाकार की निजी मंशा को जानने की ज़रूरत नहीं है। उसका काम ही सब कुछ दर्शाता है।

एक बेहतर किताब हृदय को शिक्षित करती है।

सारी समझदारी हमारे द्वारा दुनिया को उस रूप में स्वीकार करने के साथ शुरू होती है, जैसे कि यह दिखाई देती है।

मुझे लगता है कि लेखक वह होता है जो दुनिया पर ध्यान देता है।

मैं अपनी पूरी ज़िंदगी बात करने के लिए किसी बुद्धिमान व्यक्ति को तलाश करती रही हूँ।

बुद्धिमत्ता वास्तव में एक प्रकार की अभिरुचि है : विचारों की अभिरुचि।

मेरी दिलचस्पी केवल उन लोगों में है जो स्वयं को बदलने के उपाय में लगे हुए हैं।

प्रेम मर जाता है, क्योंकि उसका जन्मना ही ग़लत था।

प्यार करने का मतलब—किसी दूसरे व्यक्ति के लिए बर्बाद होने की तैयारी।

देहमात्र बन कर रह जाना कितना उबाऊ है।

दुःख की घाटी में, पंख फैलाओ।

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मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि आप यथासंभव दिलेर बनिए।

मेरा पुस्तकालय मेरी लालसाओं का लेखागार है।

सिर्फ़ वही उत्तर दिलचस्प हैं जो प्रश्नों को ख़त्म कर देते हैं।

वास्तविक कला में हमें उत्तेजित करने की क्षमता होती है।

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कोई कभी भी किसी को उसकी भावना को बदलने के लिए नहीं कह सकता है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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