विभांशु कल्ला के बेला
राजनीतिक संगठनकर्ताओं के बीच मुक्तिबोध
भारतीय आर्थिक ढाँचा एक बहुत बड़ी आबादी को ख़ाली समय की सुविधा ही नहीं देता कि वह साहित्य जैसे विषय को अपने जीवन से जोड़ सके। चिंता : हिंदी के लेखक कई बार सामूहिक तौर पर तो कई बार व्यक्तिगत सीम
शिक्षकों के लिए होमवर्क
ख़ाली वक़्त में फ़ंतासियाँ रचना या दूसरे ढंग से कहें तो फ़ंतासियों के बारे में सोचने के लिए ख़ाली वक़्त निकालना मेरे पसंदीदा कामों में से एक है। मेरी सबसे प्रिय फ़ंतासी यह है—जिसे सोचने में एलियन या
गुरु-शिष्य-परंपरा : कुछ नोट्स
भारतीय जन-मानस में एक कॉमन सेंस घर कर गया है—सिखाने वाला बड़ा होता है, सीखने वाला छोटा; इसलिए छोटे का सीखने के लिए बड़े के सामने समर्पण करना ज़रूरी है। यह समर्पण इंसान को ‘विनम्र’ बनाता है, इसी समर्प
23 अप्रैल 2024
'झीनी बीनी चदरिया' का बनारस
एक शहर में कितने शहर होते हैं, और उन कितने शहरों की कितनी कहानियाँ? वाराणसी, बनारस या काशी की लोकप्रिय छवि विश्वनाथ मंदिर, प्राचीन गुरुकुल शिक्षा के पुनरुत्थान स्वरूप बनाया गया बनारस हिंदू विश्वविद्य