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वाल्तेयर

1694 - 1778

फ़्रांसीसी प्रबोधन युग के समादृत लेखक, दार्शनिक, व्यंग्यकार और इतिहासकार।

फ़्रांसीसी प्रबोधन युग के समादृत लेखक, दार्शनिक, व्यंग्यकार और इतिहासकार।

वाल्तेयर के उद्धरण

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विचारों की आज़ादी आत्मा का जोश है।

उन लोगों पर प्यार लुटाओ जो सच्चाई की खोज में रहते हैं; लेकिन जो इसे पा लेते हैं, उनसे सावधान रहो।

जीवन एक टूटे हुए जहाज़ का हिस्सा है, पर हमें गीत गाना लाइफ़बोट में भी नहीं भूलना चाहिए।

ईश्वर दर्शकों के साथ खेलता एक विदूषक है, जिसके दर्शक हँसने से भी डरते हैं।

किसी व्यक्ति को उसके जवाबों के बजाय उसके सवालों से आँकें।

सिर्फ़ जीतना काफ़ी नहीं है, किसी को लुभाना भी सीखना चाहिए।

अच्छाई की दुश्मन संपूर्णता की कोशिश है।

चिकित्सा की कला में रोगी को ख़ुश करना शामिल है, जबकि बीमारी को प्रकृति ठीक करती है।

हमें पढ़ना चाहिए, और हमें नाचना चाहिए; ये दोनों सुख दुनिया को कभी नुक़सान नहीं पहुँचाएँगे।

मैंने कभी कुछ ज़्यादा तो नहीं, पर भगवान से एक प्रार्थना तो की है : हे भगवान, मेरे दुश्मनों को हास्यास्पद बना दो। और भगवान ने इसे मंज़ूर कर लिया।

जो आपको मूर्खतापूर्ण कामों में भरोसा दिला सकते हैं, वे आपसे अत्याचार भी करवा सकते हैं।

अपने लिए सोचें और दूसरों को भी ऐसा करने का सौभाग्य दें।

हम कभी जीते नहीं हैं; हम हमेशा जीने की उम्मीद में रहते हैं।

मैंने उससे वैसे ही प्यार किया, जैसे हमने हमेशा पहली बार प्यार किया हो—देवपूजा और वन्य जुनून के साथ।

कॉमनसेंस इतना भी कॉमन नहीं होता।

किताबों की भारी मात्रा के बावजूद, कितने लोग हैं जो पढ़ते हैं! और अगर कोई तरीक़े से पढ़ता है, तो उसको एहसास होगा कि हर दिन निगलने के लिए कितनी बकवास सामग्री भरी पड़ी है।

अमीरों का सुख ग़रीबों की प्रचुर आपूर्ति पर निर्भर करता है।

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