Font by Mehr Nastaliq Web

संबंध पर कवितांश

मुलाक़ातें रहती हैं समय में

मृत्यु से भी ज़्यादा देर तक।

नवीन रांगियाल

आत्मा और शरीर के सदृश

मुझमें और उस नायिका में अंतरंगता है

तिरुवल्लुवर

जितनी बार मिलता हूँ तुमसे

उतनी बार अकेला हो जाता हूँ।

नवीन रांगियाल