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नश्वर पर काव्य खंड

मानव शरीर की नश्वरता

धार्मिक-आध्यात्मिक चिंतन के मूल में रही है और काव्य ने भी इस चिंतन में हिस्सेदारी की है। भक्ति-काव्य में प्रमुखता से इसे टेक बना अराध्य के आश्रय का जतन किया गया है।

पाहुड़ दोहा-17

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा-13

मुनि रामसिंह

पाहुड़ दोहा- 2

मुनि रामसिंह

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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