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नश्वर पर कविताएँ

मानव शरीर की नश्वरता

धार्मिक-आध्यात्मिक चिंतन के मूल में रही है और काव्य ने भी इस चिंतन में हिस्सेदारी की है। भक्ति-काव्य में प्रमुखता से इसे टेक बना अराध्य के आश्रय का जतन किया गया है।

विश्वास

बद्री नारायण

नक्षत्र-निपात

मैथिलीशरण गुप्त

फेंक आया अमरफल

बद्री नारायण

शाश्वत

दूधनाथ सिंह

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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