सर्वाधिक सम्मान केवल सम्राटों को? लंदन 1
संसार के सभी बड़े शहरों की अपनी-अपनी विशेषता होती है। कोई ऐतिहासिक है तो कोई आधुनिक। किसी का धार्मिक महत्त्व है तो कही चहल-पहल और चुहल है। लंदन में इन सभी बातों का समावेश है। मुझे ऐसा लगा, मानो इस का अपना एक निजी सौष्ठव है जो न मास्को में देखने में आया
रामेश्वर टांटिया
मादक संगती, धुनें, नाचती नंगी लड़कियांँ लंदन-2
सन् 1664 में मुझे तीसरी बार लंदन जाने का मौका मिला। भारतीय दूतावास के सहयोग के कारण पहले की यात्राओं की अपेक्षा इस बार देखने सुनने की ज़्यादा सुविधाएँ मिली। लोगों के रहन-सहन और दुकानों की सजावट देखकर अदाज़ा होता था कि पिछले पंद्रह वर्षों में ब्रिटेन
रामेश्वर टांटिया
क्या इमारत ग़मों ने ढाई है: निराला
पहले-पहल निरालाजी का नाम मैंने अपनी बी० ए० की पाठ्य-पुस्तक में पढ़ा। मैं उन दिनों बड़े ज़ोरों से उर्दू में ग़ज़लें लिखता था। हिंदी की ओर विशेष रुचि न थी। केवल 50 नंबर की हिंदी थी और वे नंबर भी डिवीज़न में शामिल न होते थे, इसलिए छात्र निहायत बेपरवाही से