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आलोचक पर बेला

आलोचना एक साहित्यिक

विधा है जो कृतियों में अभिव्यक्त साहित्यिक अनुभूतियों का विवेकपूर्ण विवेचन उपरांत उनका मूल्यांकन करती है। कर्ता को आलोचक कहते हैं और उससे रचनाकार के प्रति, कृति के प्रति और समाज के प्रति उत्तरदायित्वों के निर्वहन की अपेक्षा की जाती है। नई कविता में प्रायः कवियों द्वारा आलोचकों को व्यंग्य और नाराज़गी में घसीटा गया है।

09 मई 2025

मोना गुलाटी की [अ]कविता

मोना गुलाटी की [अ]कविता

मोना गुलाटी अकविता की प्रतिनिधि कवि हैं। अकविता का मूल तत्त्व असहमति और विरोध से निर्मित हुआ है। असहमति और विरोध अक्सर समानार्थी शब्दों की तरह प्रयुक्त होते हैं, किंतु असहमति और विरोध में एक स्वाभावि

08 मार्च 2025

अनुभूति की शुद्धता का सवाल

अनुभूति की शुद्धता का सवाल

अभी कुछ दिन हुए एक साथी कहता था कि यार कुछ भी कहो कविताओं के जो अर्थ फ़लाँ आलोचक निकाल कर गए हैं, ऐसे कविता को समझना आज के पाठक के बूते के बाहर है। मैंने कहा कि पाठक ही क्यों ठीक उसी परिप्रेक्ष्य में

15 अक्तूबर 2024

आईआईसी से आयुष्मान

आईआईसी से आयुष्मान

बीते हफ़्तों में जितनी बार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) जाना हो गया, उतना तो पहले कुल मिलाकर नहीं गया था। सोचा दोस्तों को बता दूँ कि अगर मैं यूनिवर्सिटी में न मिलूँ तो मुझे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में

05 अक्तूबर 2024

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

दाह!  ये सभी चित्र सफ़ेद रंग के एक छोटे-से लिफ़ाफ़े में रखे हुए थे, जिस पर काली सियाही से लिखा हुआ था—दाह। पिछले 83 सालों से इन चित्रों को जाने-अनजाने बिला वजह गोपनीय बनाकर रखा गया और धीरे-धीरे