जो देखकर भी नहीं देखते
कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हूँ, यह परखने के लिए कि वह क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटीं। मैंने उनसे पूछा, “आपने क्या-क्या देखा?”
“कुछ ख़ास तो नहीं,” उनका जवाब था। मुझे बहुत अचरज नहीं हुआ