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सिमोन द बोउवार

1908 - 1986 | पेरिस

सिमोन द बोउवार के उद्धरण

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पुरुष को मनुष्य के रूप में और स्त्री को स्त्री के रूप में परिभाषित किया जाता है—जब भी वह मनुष्य की तरह व्यवहार करती है, उस पर पुरुष की नक़ल करने का आरोप लगाया जाता है।

शरीर कोई चीज़ नहीं, बल्कि एक स्थिति है : यह दुनिया पर हमारी पकड़ है और हमारी योजना की रूपरेखा है।

किसी के जीवन का मूल्य तभी तक है जब तक वह प्रेम, दोस्ती और करुणा के द्वारा दूसरों के जीवन को मूल्यवान बनाता है।

अगर स्त्री का मुद्दा इतना बेतुका है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुष के अहंकार ने इसे चर्चा का विषय बना लिया है।

ऐसे व्यक्ति से नफ़रत करना बहुत थका देता है जिससे आप प्रेम करते हैं।

पति को पा लेना एक कला है, उसे पकड़कर रखना कठिन कार्य है।

  • संबंधित विषय : कला

जिस दिन मैं नहीं लिखती, वह कसैला स्वाद छोड़ देता है।

  • संबंधित विषय : दिन

कुछ चीज़ें जिन्हें मैं प्यार करती थी ग़ायब हो गई हैं। मुझे और बहुत-सी चीज़ें दे दी गई हैं।

अपने जीवन को आज ही बदल डालो। भविष्य का जुआ मत खेलो, बिना किसी देरी के अभी इस काम में लग जाओ।

चूँकि हम अलग हो गए हैं, हमें सब कुछ अलग करता है, यहाँ तक कि हमारे एक-दूसरे से जुड़ने के प्रयास भी हमें दूर कर देते हैं।

प्रेम और प्रशंसा के पात्र बनो, ज़रूरी हो जाओ और कुछ बनकर दिखाओ।

अगर आप बहुत लंबी उम्र तक जीते हैं, तो आप हर जीत को हार में बदलते हुए पाएँगे।

क्षमताएँ स्पष्ट रूप से तब प्रकट होती हैं, जब उन्हें प्राप्त कर लिया गया हो।

दमन अपनी उपयोगिता बताकर स्वयं को बचाने की कोशिश करता है।

राजनीति से दूर रहना ख़ुद में एक राजनीतिक दृष्टिकोण है।

हर सफलता के पीछे आत्मसमर्पण छुपा हुआ है।

उसके पंखों को काट दिया जाता है और फिर उस पर उड़ना आने का इल्ज़ाम लगाया जाता है।

  • संबंधित विषय : पंख

डायरी कितनी अजीब होती है : जो चीज़ें आप लिखना छोड़ देते हैं, वे लिखे हुए से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती हैं।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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