ज्ञानरंजन के उद्धरण
...लिखते समय जितना भी अकेलापन हो, वह काफ़ी अकेलापन नहीं है, कितनी ही ख़ामोशी हो वह पर्याप्त ख़ामोशी नहीं है, कितनी ही रात हो वह काफ़ी रात नहीं है।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
आप किसी के प्रभाव में कुछ दिन तक तो रह सकते हैं, लेकिन आजीवन नहीं रह सकते।
-
संबंधित विषय : जीवन
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
कभी ऐसा दिन भी होता है और ऐसी ऋतु जब आकाश पर सुबह तक चाँद एक वाटरमार्क की तरह उपस्थित रहता है और दूसरी तरफ़ सूर्योदय भी हो रहा होता है। मेरे जीवन का प्रारंभ कुछ ऐसा ही था।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
लेखक का मार्ग अपनी सुदीर्घ परंपरा और विचार से निर्धारित होगा, वह राजनैतिक दलों की करवटों से नहीं बनेगा।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
बाज़ार वह जगह है जहाँ स्वागत किया जाता है, अंगीकृत किया जाता है, सजाया जाता है, बेचा जाता है और फ़ालतू भी कर दिया जाता है।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
साहित्य में जो मुद्दा राजनीति के रास्ते से आता है, वह बहुत दिनों तक या स्थायी रूप से नहीं टिक पाता।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
लिखते समय सारा समय ही बहुत कम है, क्योंकि सड़कें अंतहीन लंबी हैं और रास्ते से कभी भी भटका जा सकता है।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
सूची कोई भी बनाए, कभी भी बनाए, सूचियाँ हमेशा ख़ारिज की जाती रहेंगी; वे विश्वसनीयता पैदा नहीं कर सकती—क्योंकि हर संपादक, आलोचक के जेब में एक सूची है।
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
अगर हमारे पास मुठभेड़ के अपने विषय नहीं होंगे और हम विरोधियों, शत्रुओं से ही संघर्ष के विषय लेते रहेंगे तो यह एक झगड़ालू और निस्तेज जीवन होगा।
-
संबंधित विषय : शिकायत
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
शमशेर के नेत्र मैं भूलता नहीं, वे चलती हुई नावों की तरह हैं।
-
संबंधित विषय : कवि
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
कुछ हमारे नवोदितों को लगता है कि बड़े शहरों में मौलिकता मिलेगी—मौलिकता युगावतारों के लिए है।
-
संबंधित विषय : व्यंग्य
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
पुरस्कार वही अच्छे होते हैं, जो दूर और दुर्लभ लगते हैं।
-
संबंधित विषय : पुरस्कार
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere