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प्रत्युपकार पर उद्धरण

भूख-प्यास से इस देह को तड़पाना नहीं। ज्यों ही बुझने लगे, त्योंही इसे सँभालना। तेरे व्रत-उपवास और साज-सिंगार पर धिक्कार। उपकार कर यही तेरा परम कर्तव्य-कर्म है।

लल्लेश्वरी

प्रत्युपकारी मनुष्य विपत्ति में ही अपने कार्य का फल प्राप्त करता है।

भास

महापुरुषों के प्रति सद्भावपूर्ण उपकार शीघ्र ही फल देता है।

कालिदास