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राम पर सबद

सगुण भक्ति काव्यधारा

में राम और कृष्ण दो प्रमुख अराध्य देव के रूप में प्रतिष्ठित हुए। राम की प्रतिष्ठा एक भावनायक और लोकनायक की है जिन्होंने संपूर्ण रूप से भारतीय जीवन को प्रभावित किया है। समकालीन सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी राम को कविता चिंतन का प्रसंग बनाया। इस चयन में राम के अवलंब से अभिव्यक्त बेहतरीन दोहों और कविताओं का संकलन किया गया है।

जो धुनियाँ तौ भी मैं राम तुम्हारा

संत दरिया (मारवाड़ वाले)

आदि अनादि मेरा साँई

संत दरिया (मारवाड़ वाले)

रे नर, इह साची जीअ धारि

गुरु तेग़ बहादुर

मन रे, साचा गहो बिवारा

गुरु तेग़ बहादुर

हरि के नाम बिना दुखु पावै

गुरु तेग़ बहादुर

हरि को नामु सुखदाई

गुरु तेग़ बहादुर