Font by Mehr Nastaliq Web

जीवन पर नवगीत

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

आईने अँधरा गए

राम निहोर तिवारी

एक अंधा सुख

राम निहोर तिवारी

रेशे-रेशे हुए दरी के

राम निहोर तिवारी

अभी लाखों बहाने।

रामशंकर वर्मा

गूलर के कीड़े

देवेंद्र कुमार बंगाली

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए