देश पर गीत

देश और देश-प्रेम कवियों

का प्रिय विषय रहा है। स्वंतत्रता-संग्राम से लेकर देश के स्वतंत्र होने के बाद भी आज तक देश और गणतंत्र को विषय बनाती हुई कविताएँ रचने का सिलसिला जारी है।

जाग तुझको दूर जाना

महादेवी वर्मा

आह्वान

अशफाक़उल्ला खाँ

कार्नेलिया का गीत

जयशंकर प्रसाद

नारों की खेती को सारा हिंदोस्तान

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’

भारत

गोपालशरण सिंह

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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