
साहस कोई ऐसी क्षमता नहीं है जो किसी के पास है या नहीं है। साहस जोखिम वाले कार्य में जुट जाने की इच्छा है, भले ही परिणाम अज्ञात हों या संभावित रूप से प्रतिकूल हों। हम साहसी व्यवहार करने में सक्षम हैं, अगर हम ऐसा करने के इच्छुक हों।

सौभाग्यवश स्त्रियों में घटना घट जाने के बाद अपने कार्यों के अर्थ को बदलने की चमत्कारी क्षमता होती है।

इंसान का गुण स्वयं का विस्तार करने, स्वयं से बाहर निकलने और अन्य लोगों में और उनके लिए मौजूद रहने की क्षमता में निहित है।

जुनून की क्षमता क्रूर है और दिव्य भी।

मूढ़ एक ही जन्म में सात जन्मों की नरक—वेदना का अधिकार अपने लिए सृजन कर लेने की क्षमता रखता है।

मनुष्य अपने अनुभव के अनुपात में बुद्धिमान नहीं होते हैं, अपितु अनुभव के लिए अपनी क्षमता के अनुपात में।