पापा जब छोटे थे, तो उनसे अक्सर पूछा जाता था, “बड़े होकर तुम क्या बनना चाहते हो?” पापा के पास जवाब हमेशा तैयार होता। मगर उनका जवाब हर बार अलग-अलग होता था। शुरू-शुरू में पापा चौकीदार बनना चाहते थे। उन्हें यह सोचना बहुत अच्छा लगता था कि जब सारा शहर सोता
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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