रानीखेत का सदर बाज़ार शाम होते ही गुलज़ार हो उठता है। दुकानों में गैस की बत्तियाँ जगमग करने लगती हैं और सड़कों पर एक अजब चमक-दमक छा जाती है। दिन भर के अलसाए सिनेमा घर में चहल-पहल हो उठती है और सजधज के साथ एक आमोद-रत भीड बाज़ार में आ पहुँचती है—रंगे मुँह
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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