रिक्तता पर कविताएँ

कुछ होकर भी न होने के

अभावभाव को प्रकट करती रचनाओं से एक चयन।

ख़ालीपन

उज्ज्वल शुक्ल

ख़तरनाक नहीं है यह

खेमकरण ‘सोमन’

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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