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ज्यां मिशेल बस्कवा

1960 - 1988 | अमेरिका

अमेरिकी कलाकार।

अमेरिकी कलाकार।

ज्यां मिशेल बस्कवा के उद्धरण

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मेरे पास कुछ पैसे थे। मैंने सबसे सुंदर पेंटिंग्स बनाईं। मैं पूर्ण रूप से एकांत प्रिय था। मैंने बहुत काम किया। मैंने बहुत सारा नशा किया। लोगों के लिए मैं भयानक था।

कभी कभी मैं जब किसी स्त्री पर क्रोधित हो उठता हूँ तब मैं उसके बारे में कोई अद्भुत या कोई भयानक चित्र बनाता हूँ।

एक–खेल, दो–संगीत और तीसरा–हथियार।

मेरे अधिकांश चित्रों में अश्वेत व्यक्ति नायक है। मैंने महसूस किया कि मैंने कई चित्रों में उन्हें नहीं देखा।

किसी भी दिन मुझे परिपक्व कलाकारों के काम से ज़्यादा बच्चों के चित्रों में दिलचस्पी होती है।

चित्र बनाते समय मैं कला के बारे में नहीं सोचता। मैं जीवन के बारे में सोचने की कोशिश करता हूँ।

कला समीक्षक क्या कहते हैं, मैं नहीं सुनता। मैं ऐसे किसी मनुष्य को भी नहीं जानता जिसे यह समझने के लिए कि कला क्या है, एक कला समीक्षक की आवश्यकता पड़ती हो।

सूप पीने के लिए पैसे दो, एक क़िला बनाओ और फिर उसे आग के हवाले कर दो।

मैं एक प्यारा बच्चा था।

मैं एक काला कलाकार नहीं हूँ। मैं कलाकार हूँ।

किसी भी अन्य पुकार की तुलना में, मदद के लिए आग सबसे अधिक आकर्षित करेगी।

मेरे पास एक पेंटिंग है जिसमें किसी ने एक मुर्ग़ा पकड़ा हुआ है और मुर्ग़े के नीचे एक आदमी का सिर है।

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मैं एक सितारा बनना चाहता था, कि एक आर्ट गैलरी का शुभंकर।

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किन्हीं दिनों में मेरे पास कोई विचार नहीं होता। मुझे लगता है मैं पूरा निचुड़ चुका हूँ। पर यह सिर्फ़ एक मन:स्थिति है।

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आप जानते हैं? देश मुझे अधिक पागल बनाता है। मुझे लगता है कि पागल लोग बहुत कम पागल होते हैं।

यक़ीन करो या करो, मैं वाक़ई चित्र बना सकता हूँ।

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अधिकांश नौजवान राजाओं के सिर कट जाते हैं।

बचपन में मैं एक बेहद आलसी चित्रकार था। अमूर्त अभिव्यक्ति का अतिवाद। मैंने भेड़ के सिर का चित्र बनाया। मैला और अव्यवस्थित। मैंने कभी कोई प्रतियोगिता नहीं जीती। मुझे याद है उस सहपाठी से हारना जिसने स्पाईडर मैन का एक अद्भुत चित्र बनाया था।

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जितना अधिक मैं पेंट करता हूँ उतना अधिक मुझे सब कुछ अच्छा लगता है।

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हमारे आस-पास लगभग तीस शब्द हमेशा रहते हैं। जैसे ‘धागा’ या फिर ‘प्रस्थान द्वार’।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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