
मानव स्वत्व मिला नहीं करते। उन्हें लेना पड़ता है। बल चाहिए- बल।

जिस व्यक्ति के पास भाषा होती है, वह नतीजतन उस भाषा द्वारा व्यक्त और निहित दुनिया का स्वामी होता है।

मालिक और मज़दूर के स्वार्थ, एक-दूसरे के विरोधी हैं।
मानव स्वत्व मिला नहीं करते। उन्हें लेना पड़ता है। बल चाहिए- बल।
जिस व्यक्ति के पास भाषा होती है, वह नतीजतन उस भाषा द्वारा व्यक्त और निहित दुनिया का स्वामी होता है।
मालिक और मज़दूर के स्वार्थ, एक-दूसरे के विरोधी हैं।