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बादल पर ग़ज़लें

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

अब गुलालो त असली

गहबर गोवर्द्धन

एकहू बून पानी घटा

गहबर गोवर्द्धन