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यतीश कुमार

1976 | मुंगेर, बिहार

सुपरिचित कवि-लेखक। कविताओं की दो पुस्तकें 'अन्तस की खुरचन' और 'आविर्भाव' शीर्षक से प्रकाशित ।

सुपरिचित कवि-लेखक। कविताओं की दो पुस्तकें 'अन्तस की खुरचन' और 'आविर्भाव' शीर्षक से प्रकाशित ।

यतीश कुमार के बेला

25 जुलाई 2024

भूलना दुनिया का सबसे बुरा मर्ज़ है

भूलना दुनिया का सबसे बुरा मर्ज़ है

“नदी इतनी पतली थी कि उसमें अब बस धूप से सनी थोड़ी नींद बहती थी।” पहली कहानी के पहले पन्ने पर ऐसी काव्यात्मक भाषा मिल जाए तो पठनीयता की भी ट्यूनिंग हो जाती है। नदी का पेट के मुहाने में बदल जाने की

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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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