ग़रीबी पर निबंध
ग़रीबी बुनियादी आवश्यकताओं
के अभाव की स्थिति है। कविता जब भी मानव मात्र के पक्ष में खड़ी होगी, उसकी बुनियादी आवश्यकताएँ और आकांक्षाएँ हमेशा कविता के केंद्र में होंगी। प्रस्तुत है ग़रीब और ग़रीबी पर संवाद रचती कविताओं का यह चयन।
भारत वर्ष की दरिद्रता
जिसके धन और प्रशस्त भूमि की प्रशंसा, जिसमें प्राय: पृथ्वी मात्र की सभी वस्तु उत्पन्न होती हैं, संसार भर करता था; जहाँ सामान्य ऋतुओं के भोगने से देशियों को किसी दूसरे स्थान को जाने की आकांक्षा तक नहीं होती, और जहाँ की ख़ाने सभी अमूल्य रत्नों को उत्पन्न