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ग़रीबी पर गीत

ग़रीबी बुनियादी आवश्यकताओं

के अभाव की स्थिति है। कविता जब भी मानव मात्र के पक्ष में खड़ी होगी, उसकी बुनियादी आवश्यकताएँ और आकांक्षाएँ हमेशा कविता के केंद्र में होंगी। प्रस्तुत है ग़रीब और ग़रीबी पर संवाद रचती कविताओं का यह चयन।

गिरवी खेत

विनम्र सेन सिंह

उदासी

विनम्र सेन सिंह

बैल बिना घर जिसका टूटा

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’

हमारी देह का तपना

विनोद श्रीवास्तव

अनाथ

गोपालशरण सिंह

भिखारिनी

गोपालशरण सिंह

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