Font by Mehr Nastaliq Web

माँ पर गीत

किसी कवि ने ‘माँ’ शब्द

को कोई शब्द नहीं, ‘ॐ’ समान ही एक विराट-आदिम-अलौकिक ध्वनि कहा है। प्रस्तुत चयन में उन कविताओं का संकलन किया गया है, जिनमें माँ आई है—अपनी विविध छवियों, ध्वनियों और स्थितियों के साथ।

टिल्लू जी

नरेश सक्सेना

माँ

प्रसून जोशी

ईमा

देवेंद्र कुमार बंगाली

मातृ-महिमा

गोपालशरण सिंह

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए