मेला पर कविताएँ

मेला सामाजिकता और उत्सवधर्मिता

का प्रकटीकरण है, जिसका आयोजन पर्व-त्योहारों आदि के अवसर पर किया जाता है। प्रस्तुत चयन में मेला विषयक कविताओं का चयन किया गया है।

भगौरिया

मनीषा कुलश्रेष्ठ

मेले में कवि

संध्या चौरसिया

मौत का कुआँ

शंकरानंद

विदा की बेला

शालिनी सिंह

कतकी

रामविलास शर्मा

पशु मेले में

विनोद पदरज

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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