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मेला पर ग़ज़लें

मेला सामाजिकता और उत्सवधर्मिता

का प्रकटीकरण है, जिसका आयोजन पर्व-त्योहारों आदि के अवसर पर किया जाता है। प्रस्तुत चयन में मेला विषयक कविताओं का चयन किया गया है।

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