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हरे प्रकाश उपाध्याय

1981 | भोजपुर, बिहार

सुपरिचित कवि-कथाकार-संपादक। 'खिलाड़ी दोस्त और अन्य कविताएँ', 'नया रास्ता' शीर्षक से दो कविता-संग्रह तथा 'बखेड़ापुर' शीर्षक से एक उपन्यास प्रकाशित। 'मंतव्य' के संपादक।

सुपरिचित कवि-कथाकार-संपादक। 'खिलाड़ी दोस्त और अन्य कविताएँ', 'नया रास्ता' शीर्षक से दो कविता-संग्रह तथा 'बखेड़ापुर' शीर्षक से एक उपन्यास प्रकाशित। 'मंतव्य' के संपादक।

हरे प्रकाश उपाध्याय के बेला

06 अगस्त 2024

संवेदना न बची,  इच्छा न बची, तो मनुष्य बचकर क्या करेगा?

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