मैं कविता के एकांत में रोना चाहता हूँ
और वहीं बहाना चाहता हूँ
अधूरी इच्छाओं के आँसू
कवि का दुर्भाग्य यह है कि
उसकी सबसे लहूलुहान कविता पर भी लोग
'वाह' कर उठते हैं!
मैं कविता के एकांत में रोना चाहता हूँ
और वहीं बहाना चाहता हूँ
अधूरी इच्छाओं के आँसू
कवि का दुर्भाग्य यह है कि
उसकी सबसे लहूलुहान कविता पर भी लोग
'वाह' कर उठते हैं!