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कविता पर कवितांश

मैं कविता के एकांत में रोना चाहता हूँ

और वहीं बहाना चाहता हूँ

अधूरी इच्छाओं के आँसू

सुदीप सोहनी

कवि का दुर्भाग्य यह है कि

उसकी सबसे लहूलुहान कविता पर भी लोग

'वाह' कर उठते हैं!

नवीन रांगियाल
  • संबंधित विषय : कवि

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