एक दिन की बादशाहत
“आरिफ़...सलीम...चलो, फ़ौरन सो जाओ,” अम्मी की आवाज़ ऐन उस वक़्त आती थी, जब वे दोस्तों के साथ बैठे कव्वाली गा रहे होते थे। या फिर सुबह बड़े मज़े में आइसक्रीम खाने के सपने देख रहे होते कि आपा झिंझोड़कर जगा देतीं “जल्दी उठो, स्कूल का वक़्त हो गया,”
दोनों