डाकिए की कहानी, कँवरसिंह की ज़ुबानी
शिमला की माल रोड पर जनरल पोस्ट ऑफ़िस है। उसी पोस्ट ऑफ़िस के एक कमरे में डाक छाँटने का काम चल रहा है। सुबह के 11:30 बजे हैं, खिड़की से गुनगुनी धूप छनकर आ रही है। इस धूप का मज़ा लेते हुए दो पैकर और तीन महिला डाकिया फटाफट डाक छाँटने का काम कर रहे हैं। वहीं