भूख पर बेला
भूख भोजन की इच्छा प्रकट
करता शारीरिक वेग है। सामाजिक संदर्भों में यह एक विद्रूपता है जो व्याप्त गहरी आर्थिक असमानता की सूचना देती है। प्रस्तुत चयन में भूख के विभिन्न संदर्भों का उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।
यह दुनिया पेट की दौड़ है
ख़ालिद जावेद के उपन्यास ‘नेमत ख़ाना’ से गुज़रते हुए गाहे-ब-गाहे यह महसूस होता है कि निःसंदेह तमाम दुनिया पेट की दौड़ है—इससे ज़्यादा कुछ नहीं, इससे कम कुछ नहीं। आपके अंतर् से पारदर्शी परिचय करवाते इस
सत्यजीत रे और उनके स्वाद का संसार
सत्यजीत रे की सबसे उल्लेखनीय आदतों में से एक—भोजन की संस्कृति पर उनका विशेष ध्यान था। रे को भोजन, विशेष रूप से बंगाली व्यंजनों के प्रति उनके प्यार के लिए भी जाना जाता था। वह बढ़िया भोजन के पारखी