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कुत्ते पर उद्धरण

लेखक को समझना, अपने पालतू कुत्ते को समझने के मुक़ाबले ज़्यादा महत्त्वपूर्ण सामाजिक कार्य है।

श्रीलाल शुक्ल

सिर्फ़ कूँ-कूँ करके कोई कुत्ता एक देश नहीं बन सकता, जैसे कि कोई देश दिन-रात निकम्मेपन और कूँ-कूँ करने का अभ्यास करके भी कुत्ता नहीं हो सकता।

श्रीलाल शुक्ल