सुशीलनाथ कुमार के बेला
सिंधियों की पीड़ा का बयान
चलना जीवन है और चलते जाना इंसान होने की नियति है। समाजशास्त्र की मूल स्थापना है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। ‘सिमसिम’ के मुख्य पात्र के जीवन की कोख कहानी और उससे निर्मित स्वचेतना से लेखक पाता है क
1985 | मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
नई पीढ़ी के कवि-लेखक और अनुवादक।
नई पीढ़ी के कवि-लेखक और अनुवादक।