उज्ज्वल शुक्ल के बेला
रूमानियत पर एक रूमानी बातचीत
एक रोज़ जब लगभग सन्नाटा पसरने को था, मैंने अपने साथ खड़े लेखक से पूछा, “आप इतनी रूमानियत अपनी रचनाओं में क्यों भरते हैं? क्या आपको लगता है कि इंसान अपने अकेलेपन में ऐसे सोचता होगा?” हम रास्ते पर च
2000 | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
नई पीढ़ी के कवि।
नई पीढ़ी के कवि।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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