रांगेय राघव के उद्धरण


जिन बातों को मनुष्य भूल जाना चाहता है, वही उसे बार-बार क्यों याद आती हैं? क्या मनुष्य का अतीत एक वह भयानक पिशाच है जो उसके भविष्य में वर्तमान का पत्थर बनकर पड़ा रहता है?
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