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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था : कविता की हवा को ताज़गी से भरता संग्रह

 

इधर रुस्तम का नया कविता-संग्रह ‘मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था’ (संभावना प्रकाशन) सामने आया है। रुस्तम के काव्य-संसार में प्रवेश से पहले रिलेक्स होना ज़रूरी है, क्योंकि वह जीवन की आपाधापी के कवि नहीं हैं

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21 नवम्बर 2024

आज का रचनाकार

रचनाकार का समय और समय का रचनाकार

सियारामशरण गुप्त

द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।

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