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पंख पर कविताएँ

पंख उड़ान का रूपक है

और इसका संबंध कवि की तमाम कल्पनाओं की उड़ान से जाकर जुड़ता है। इस चयन में पंख और उड़ान संबंधी विशिष्ट कविताओं का संकलन किया गया है।

उड़ते हुए

वेणु गोपाल

निष्कृत

मोना गुलाटी

प्यार में चिड़िया

कुलदीप कुमार

जब तक खुले हैं रास्ते

स्वाति मेलकानी

हवा जब आएगी

चंपा वैद

गौरैया

विशाखा मुलमुले

धूप का पंख

सुशोभित

उड़ान

राजकुमार

पंख

रमेश कुमार

धरोहर

पारुल पुखराज

उस गली में

राजकुमार केसवानी

सफ़ेद पंख

सविता सिंह

कहने को

शंकरानंद

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