युक्तप्रांत के एक प्रसिद्ध नगर में, एक दिन बयासी वर्ष के एक वृद्ध अपने डेढ़ वर्ष के पोते को लेकर द्वार पर बैठे थे। बच्चा हँस-हँस कर दादा की नाक और मूछें पकड़ने की कोशिश करता। प्रेम-विह्वल बूढ़े दादा अपने सिर को हिला-हिलाकर बच्चे की ओर ले जाते। जन्म और
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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