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राधा पर सवैया

कृष्ण-भक्ति काव्यधारा

में राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन प्रमुख विषय रहा है। राधा कृष्ण की सहचरी के रूप में अराध्य देवी हैं, जिनके नाम का अर्थ पूर्णता और सफलता है। राधा-कृष्ण को शाश्वत युगल कहा जाता है और राधा के बिना कृष्ण अपूर्ण कहे गए हैं। प्रस्तुत चयन में राधा की महत्ता की स्थापना करते काव्य-रूपों का संकलन किया गया है।

वा मुख चंद के वै हैं चकोर

पंडित युगलकिशोर मिश्र

येई हैं वे बृजभानुसुता

ठाकुर बुंदेलखंडी

मुख जाहि निसापति की सम है

गुरु गोविंद सिंह

सीस पै पाग पराग भरी अनुराग

लालबिहारी मिश्र 'द्विजराज'

आज प्रसून बिछाइ बिराजत

अर्जुनदास केडिया

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