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भ्रांति पर उद्धरण

जब तक इस संसार से पाप बिल्कुल ही मिटा दिया जाएगा, जब तक मनुष्य का मन पत्थर बन जाएगा, तब तक इस पृथ्वी में अन्याय-मूल भ्रांति होती ही रहेगी और उसे क्षमा करके प्रश्रय भी देना ही पड़ेगा।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय