कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

मेवाड़ नरेश राजसिंह के दरबारी कवि। सामान्य विषय-वस्तु के विस्तृत वर्णन में सिद्धहस्त।

राजस्थानी भाषा के चर्चित युवा कवि। कथा, आलोचना और पत्रकारिता में भी सक्रिय।

नवें दशक के सुपरिचित हिंदी कवि।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ के कवि।

समादृत संस्कृत कवि, शिक्षाविद और राजनेता। पद्म विभूषण और साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

पूर्व प्रेमचंद युग के साहित्यकार-पत्रकार। हिंदी की पहली कहानी के रूप में मान्य ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ के लिए उल्लेखनीय।

रीतिकालीन अलक्षित कवि।

सुपरिचित मराठी कवि और ललित-निबंधकार। व्यक्तिचित्र लेखन में भी योगदान।

नई पीढ़ी की कवयित्री। मीडिया से संबद्ध। प्रतिष्ठित प्रकाशन स्थलों पर रचनाएँ प्रकाशित।

‘भक्तकवि’ के रूप में समादृत ओड़िया कवि-लेखक। आध्यात्मिक चेतना के गीतों के लिए उल्लेखनीय।

मध्व संप्रदाय के वैष्णव भक्त। पदों में सूफ़ीज़्म और सगुण भक्ति का सामजंस्य।

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। कविता के साथ-साथ अपने रेखाचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

नवजागरण काल के समादृत संस्कृत कवि-लेखक। किंकिणीमाला, भ्रमरसंदेश, वनलता आदि कृतियों के रचनाकार।

अकबर के दरबारी कवि। भक्ति और नीति संबंधी कविताओं के लिए स्मरणीय।

सुपरिचित कवि-लेखक। छह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।

युगप्रवर्तक साहित्यकार-पत्रकार। ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक के रूप में हिंदी नवजागरण में महत्त्वपूर्ण योगदान।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

असमिया के सुपरिचित कवि-लेखक और समालोचक। अनुवाद के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान।

समादृत कथाकार-नाटककार। ‘एक पति के नोट्स’ उल्लेखनीय कथा-कृति।

सुपरिचित कवि और समीक्षक।

सुपरिचित कवि-लेखक। तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

समादृत कथाकार। गद्य की कई विधाओं में सृजनरत। कई पुस्तकें प्रकाशित।

सुपरिचित कवि-कलाकार और अनुवादक।

सुप्रतिष्ठित कवि-लेखक और शिक्षाविद। असमिया भाषा-संस्कृति-इतिहास पर लेखन के लिए उल्लेखनीय।

असमिया के सुप्रसिद्ध लेखक-समालोचक-कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

राष्ट्रकवि के रूप में समादृत कवि। ‘भारत भारती’ उल्लेखनीय काव्य-कृति।

समादृत कथाकार। गद्य की कई विधाओं में सृजनरत। कई पुस्तकें प्रकाशित।

कवि, लेखक और पत्रकार। साहित्य-संसार में 'एक भारतीय आत्मा' के नाम से स्मरणीय।

सातवें दशक के कवि। आलोचना और कहानियाँ भी लिखीं।

भूखी पीढ़ी आंदोलन और अधुनांतिक बांग्ला कविता से संबद्ध सुप्रसिद्ध कवि-लेखक-अनुवादक।

राजस्थानी और हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि-गद्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

नवें दशक में उभरे कवि। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

एक समय की सुपरिचित कवयित्री, लेकिन अब अलक्षित।

भक्ति परंपरा के संत कवि। ‘अजगर करे ना चाकरी...’ जैसी उक्ति के लिए स्मरणीय।

हिंदी के उल्लेखनीय कवि-आलोचक। अपनी डायरियों के लिए विशेष चर्चित, लेकिन अब अलक्षित।

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