कवियों की सूची
सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ
मान कवि
मेवाड़ नरेश राजसिंह के दरबारी कवि। सामान्य विषय-वस्तु के विस्तृत वर्णन में सिद्धहस्त।
महादेवी वर्मा
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। कविता के साथ-साथ अपने रेखाचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
महापात्र नरहरि बंदीजन
अकबर के दरबारी कवि। भक्ति और नीति संबंधी कविताओं के लिए स्मरणीय।
मैथिलीशरण गुप्त
राष्ट्रकवि के रूप में समादृत कवि। ‘भारत भारती’ उल्लेखनीय काव्य-कृति।
माखनलाल चतुर्वेदी
कवि, लेखक और पत्रकार। साहित्य-संसार में 'एक भारतीय आत्मा' के नाम से स्मरणीय।
मलिक मोहम्मद जायसी
भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।
मलखान सिंह
नवें दशक में उभरे कवि। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
मानबहादुर सिंह
सुपरिचित कवि। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
सरस कल्पना के भावुक कवि। स्वभाविक, चलती हुई व्यंजनापूर्ण भाषा के लिए स्मरणीय।
मंगलेश डबराल
आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
मनीषा कुलश्रेष्ठ
इस सदी में सामने आईं हिंदी की प्रमुख कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।
मनोज कुमार झा
इस सदी में सामने आए हिंदी कवि-अनुवादक। कुछ कहानियाँ भी लिखीं। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
रीतिकाल के महत्त्वपूर्ण कवि। निश्छल भावुकता, सूक्ष्म कल्पनाशीलता और सुकुमार भावों के अत्यंत ललित चित्रण के लिए प्रसिद्ध।
मिथिलेश कुमार राय
नई पीढ़ी के कवि-लेखक। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि। गद्य-लेखन और साहित्यिक पत्रकारिता में भी सक्रिय।
मिथलेश शरण चौबे
‘लौटने के लिए जाना’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। आलोचना में भी सक्रिय।
मुल्ला दाउद
हिंदी में प्रेमाख्यान परंपरा का सूत्रपात करने वाले सूफ़ी कवि।
1000 ई. के आस-पास राजस्थान में हुए विशुद्ध रहस्यवादी जैन कवि। भारतीय अध्यात्म में भावात्मक अभिव्यंजना की अभिव्यक्ति के लिए उल्लेखनीय।