कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

तेलुगु के सुप्रसिद्ध कवि-अनुवादक और राजनेता। ‘आंध्र टैगोर’ के रूप में लोकप्रिय।

मराठी और कोंकणी के सुप्रसिद्ध कवि-कादंबरीकार। पद्मश्री से सम्मानित।

मराठी नवकाव्य के अग्रणी कवि और लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मधुर उपासना से संबंधित रीतिकालीन भक्त कवि।

पंजाबी भाषा के सुपरिचित कवि और निबंधकार। पंजाबी कविता के प्रगतिशील आंदोलन में योगदान।

राजस्थान के पाँच पीरों में से एक। जाति से क्षत्रिय और वृत्ति से संत। हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के सबसे बड़े पक्षधर। दोनों धर्मों में समान रूप से पूज्य।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री।

इस सदी में सामने आईं हिंदी कवयित्री और गद्यकार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की सुपरिचित-सम्मानित बांग्ला कवि-गद्यकार-अनुवादक। इक्कीस पुस्तकें प्रकाशित। हिंदी में भी कविताएँ लिखती हैं।

सुपरिचित कवि। 'कौन जात हो भाई', 'छिछले प्रश्न गहरे उत्तर' और 'बहार के पतझड़' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

बुंदेलखंड की लोक विधा फाग के लिए चर्चित नाम।

सुपरिचित कवि-विचारक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

भारतेंदु युग के सुपरिचित लेखक। इनका स्मरण हिंदी साहित्य के प्रथम उत्थान का स्मरण है।

द्विवेदी युग के सुपरिचित व्यंग्यकार, नाटककार और पत्रकार। बालसखा’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक के रूप में योगदान।

सुपरिचित कवि। एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित संस्कृत अध्येता और पुरालेखवेत्ता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी के रूप में योगदान।

कृष्णभक्त कवयित्री। अल्पवय में प्राप्त वैधव्य से असार संसार से विरक्त हुई। संत तुकाराम की शिष्या।

सुपरिचित कवयित्री और गद्यकार।

बुंदेली फागों के लिए प्रसिद्ध।

भक्तिकाल के प्रसिद्ध संगीतकार और कवि। राजा मानसिंह तोमर और गुजरात के सुलतान बहादुरशाह के आश्रित।

ओड़िया सबुज गोष्ठी के प्रमुख प्रेम और रहस्यवादी कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

अलंकार ग्रंथ 'भाषाभरण' के रचयिता। सरस दोहों और सटीक उदाहरणों के लिए प्रसिद्ध।

रीतिकालीन नीति काव्यधारा के महत्वपूर्ण कवि। सरल भाषा में लोकव्यवहार संबंधी कुंडलियों के लिए स्मरणीय।

विलक्षण, किंतु अलक्षित कवि। ‘हरारत में तीसरी नदी’ प्रमुख कविता-संग्रह।

संत कवि और गायक। संत दादूदयाल के प्रधान शिष्यों में से एक। सांप्रदायिक सद्भाव के प्रचारक।

'सखी संप्रदाय' के उपासक। सांप्रदायिक नाम 'प्रेमसखी'। कोमल और ललित पद-विन्यास, संयत अनुप्रास और स्निग्ध सरल भाषिक प्रवाह के लिए स्मरणीय कवि।

रीतिकालीन जैन कवि। 'बुद्धि विलास' नामक ग्रंथ के रचनाकार। इनकी काव्य-भाषा राजस्थानी है।

मलयालम की समादृत कवयित्री-लेखिका-अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

भक्तिकालीन रीति कवि। प्रौढ़ और परिमार्जित काव्य-भाषा और नायिका भेद के लिए प्रसिद्ध।

पंजाबी भाषा के सुपरिचित कवि-कथाकार

प्रकृति के सहज व्यापार को कविता का वर्ण्य-विषय बनाने वाले रीतिकालीन कवि।

हिंदी-संस्कृत के विद्वान्, साहित्य-इतिहासकार, निबंधकार और समालोचक। हिंदी में संस्कृत साहित्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।

भारतेंदुयुगीन प्रमुख निबंधकार, गद्यकार और पत्रकार। गद्य-कविता के जनक और ‘प्रदीप’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

द्विवेदीयुगीन कवि, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी। पद्मभूषण से सम्मानित।

भारतेंदुयुगीन रचनाकार। 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक। 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।

नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-लेखक और अनुवादक। संस्कृत और फ़ारसी साहित्य के अप्रतिम अध्येता। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ संस्कृत से स्वयं कवि द्वारा अनूदित।

भारतेंदु मंडल के कवियों में से एक। भारत जीवन प्रेस के संस्थापक। प्राचीन और लुप्तप्रायः पुस्तकों को पुनः प्रकाशित और संवर्द्धित करने के लिए स्मरणीय।

मधुरोपासक रामभक्त कवि। काव्य-सौष्ठव, प्रबंध-पटुता और शैलियों की विविधता के लिए ख्यात।

भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।

समादृत लेखक और संपादक। हिंदी में संस्मरण विधा के उभार में योगदान। छायावाद के विरोध के लिए चर्चित।

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