कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

'टट्टी संप्रदाय' से संबद्ध। कविता में वैराग्य और प्रेम दोनों को एक साथ साधने के लिए स्मरणीय।

सातवें दशक के कवि। आलोचना-कर्म में भी सक्रिय रहे।

प्रेमचंद युग के उपन्यासकार-कहानीकार-संपादक। ‘मिठाईवाला’ कहानी के लिए चर्चित।

प्रेमचंद युग के समादृत उपन्यासकार-कहानीकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आदिग्रंथ को सबसे पहले इन्होंने लिपिबद्ध किया। संस्कृत, ब्रजी, पंजाबी और फ़ारसी के ज्ञाता। इनके द्वारा हिंदी भाषा में रचित कवित-सवैयों को गुरु अर्जुनदेव ने 'गुरुबानी की कुंजी' कहा है।

पंजाबी भाषा के समादृत कवि-साहित्यकार एवं संपादक। सिख साहित्य में योगदान। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिकालीन जैन कवि। संगीत, ज्योतिष और हिंदी, गुजराती, बंगला और फ़ारसी जैसी कई भाषाओं के जानकार।

रसिक भक्त कवि। रामकथा वाचक और भक्तमाल के टीकाकार।

मराठी के समादृत कवि-लेखक और समालोचक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध ओड़िया कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

‘राम की जल समाधि’ शीर्षक रचना के सुविख्यात गीतकार।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि।

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।

समादृत तमिल कवि-लेखक और कार्यकर्ता। नाट्य-कृति के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत संस्कृत कवि-लेखक-विद्वान। आधुनिक संस्कृत साहित्य में विपुल योगदान हेतु उल्लेखनीय।

रीतिकालीन अलक्षित कवि।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री।

समादृत कवि। अपने गांधीवादी विचारों और संवेदना के लिए उल्लेखनीय। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समय : 18वीं सदी। बावरी पंथ ग़ाज़ीपुर शाखा के संत गुलाल साहब के शिष्य। चमत्कार-विरोधी। नाम-स्मरण के सुगम पथ के राही।

रीतिबद्ध के आचार्य कवि। काव्यांग-निरूपण में सिरमौर। शृंगार-निरूपण के अतिरिक्त नीति-निरूपण के लिए भी उल्लेखनीय।

फाग के लिए स्मरणीय।

भूषण

1670 -1772

रीतिकाल के सुपरिचित कवि। काव्य में वीर रस की प्रधानता।

रीतिकाल के नीतिकवि। कविता में दृष्टांत और उदाहरण अलंकारों का कलापूर्ण और प्रभावोत्पादक प्रयोग।

सुपरिचित कवि-कथाकार और नाटककार। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।

जैन कवि, उपदेशक एवं प्रवचनकार।

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