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ग्वालियर के रचनाकार

कुल: 15

रीतिसिद्ध कवि। ‘सतसई’ से चर्चित। कल्पना की मधुरता, अलंकार योजना और सुंदर भाव-व्यंजना के लिए स्मरणीय।

समादृत कथाकार। गद्य की कई विधाओं में सृजनरत। कई पुस्तकें प्रकाशित।

भारत के दसवें प्रधानमंत्री और हिंदी के लोकप्रिय कवि। भारत रत्न से सम्मानित।

सूफ़ी कवि। राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा का प्रयोग।

सातवें दशक के कवि। कहन में संक्षिप्तता, स्मृति और कविता-पाठ के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि। ‘स्त्री मेरे भीतर’ कविता-संग्रह के लिए विशेष ख्याति।

हिंदी सिनेमा से संबद्ध लोकप्रिय गीतकार-कवि और पटकथा लेखक।

समादृत आलोचक और विचारक। समय-समय पर कथा और कविता-लेखन भी।

वास्तविक नाम पृथ्वीसिंह। प्रेम की विविध दशाओं और चेष्टाओं के वर्णन पर फ़ारसी शैली का प्रभाव। सरस दोहों के लिए स्मरणीय।

अकविता के दौर में उभरे कवि और कथाकार। नाट्य-लेखन और संपादन से भी जुड़ाव।

नई पीढ़ी की कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक-अनुवादक।

भक्तिकाल से संबद्ध कवि-संगीतकार। स्वामी हरीदास के शिष्य। सम्राट अकबर के नौ रत्नों में से एक।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। कथा-लेखन में भी सक्रिय रहे।

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